तृतीयः समुल्लासः
तृतीय-समुल्लास माता-पिता तथा आचार्य का मुख्य कर्त्तव्य बालकों को आभूषण न पहिनावें धन्य नर-नारी सन्तानों को गुरुकुल में भेजने की आयु, सहशिक्षा-निषेध पाठशाला का स्थान और व्यवस्था आठ प्रकार के मैथुनों से बचें समान खान-पान-वस्त्रादि की व्यवस्था विद्याध्ययन में राजनियम और जाति नियम उपनयन व गायत्री मन्त्र का उपदेश गायत्री मन्त्र का अर्थ स्नान-आचमन-प्राणायाम प्राणायाम के लाभ प्राणायाम की विधि प्राणायाम के चार प्रकार सन्ध्योपासन-ब्रह्मयज्ञ की विधि देवयज्ञ की विधि, सन्ध्या और देवयज्ञ का काल होम से उपकार होम करना अत्यावश्यक, होम न करने में पाप दैनिक आहुतियों की संख्या और द्रव्य का परिमाण ब्रह्मचर्य आश्रम में कर्त्तव्य दो यज्ञ उपनयन कराने के अधिकारी ब्रह्मचर्य का काल तीन प्रकार का ब्रह्मचर्य शरीर की चार अवस्थायें विवाहार्थी स्त्री-पुरुष का ब्रह्मचर्य काल पढ़ने-पढ़ाने वालों के नियम यम-नियम दोनों का सेवन कामातुरता और निष्कामता दोनों श्रेष्ठ नहीं ब्राह्मण का शरीर बनाने के साधन इन्द्रियसंयम से लाभ, असंयम से हानि भाव की शुद्धि आवश्यक नित्यकर्म में अनध्याय नहीं वृद्धजनों की सेवा के फल वाणी और मन क...