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प्राणायाम की सम्पूर्ण आठ प्रक्रियाएँ

  प्राणायाम की सम्पूर्ण आठ प्रक्रियाएँ सम्पूर्ण सत्यार्थप्रकाश   Click now यद्यपि प्राणायाम की विभिन्न विधियाँ शास्रों में वर्णित हैं और प्रत्येक प्राणायाम का अपना एक विशेष महत्त्व है, तथापि प्रतिदिन सभी प्राणायामों का अभ्यास नहीं किया जा सकता। अतः हमने गुरुओं की कृपा एवं अपने अनुभव के आधार पर प्राणायाम की एक सम्पूर्ण प्रक्रिया को विशिष्ट वैज्ञानिक रीति एवं आध्यात्मिक विधि से आठ प्रक्रियाओं में निबद्ध किया है। प्राणायाम के इस सम्पूर्ण अभ्यास को करने से जो मुख्य लाभ होते हैं, वे संक्षेप में इस प्रकार हैं: ◆ वात, पित्त और कफ, इन तीनों दोषों का संतुलन होता है।  ◆ पाचनतन्त्र पूर्ण स्वस्थ हो जाता है तथा समस्त उदररोग दूर होते हैं। हृदय, फेफड़े एवं मस्तिष्क-सम्बन्धी समस्त रोग दूर होते हैं।  ◆ मोटापा, मधुमेह, कॉलेस्ट्रॉल, कब्ज, गैस, अम्लपित्त, श्वास रोग, एलर्जी, माइग्रेन, रक्तचाप, किडनी के रोग, पुरुष और स्त्रियों के समस्त यौन रोग, सामान्य रोगों से कैन्सर तक सभी साध्य-असाध्य रोग दूर होते हैं। ◆ रोग-प्रतिरोधक क्षमता अत्यधिक विकसित हो जाती है।  ◆ वंशानुगत डायबिटीज़ एवं हृदयरोग आदि से बचा जा